RBI ने रद्द किया एक और बैंक का लाइसेंस – क्या आपका खाता इस बैंक में है?

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19 मई की शाम को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित HCBL सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह खबर सुनते ही बैंक के ग्राहकों के मन में कई सवाल उठने लगे हैं कि आखिर यह फैसला क्यों लिया गया, उनका पैसा सुरक्षित रहेगा या नहीं, और अब उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए।

दरअसल, RBI का मकसद भारतीय बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता बनाए रखना और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा करना होता है। जब किसी बैंक के वित्तीय हालात खराब हो जाते हैं और वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में असमर्थ होता है, तब RBI को मजबूरन उस बैंक का लाइसेंस रद्द करना पड़ता है।

Highlight

  • RBI ने HCBL Co-operative Bank का लाइसेंस 19 मई से रद्द किया।
  • 98.69% खाताधारकों को DICGC से 5 लाख रुपये तक की बीमित राशि मिलेगी।
  • बैंक अब किसी प्रकार का लेनदेन या जमा स्वीकार नहीं कर सकता।

बैंक का लाइसेंस रद्द होना क्या होता है?

जब RBI किसी बैंक का लाइसेंस रद्द करता है, तो इसका मतलब होता है कि वह बैंक अब बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है। इसका सीधा असर यह होता है कि बैंक का कामकाज तुरंत बंद हो जाता है। ग्राहक अपने पैसे निकाल नहीं पाते, नए खाते नहीं खुलवा पाते, और बैंक की सभी बैंकिंग गतिविधियां पूरी तरह बंद हो जाती हैं।

ग्राहकों के लिए इसका क्या मतलब है?

बैंक का लाइसेंस रद्द होने का मतलब है कि वह अब बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता। इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ता है क्योंकि वे न तो अपने खाते से पैसा निकाल पाएंगे और न ही कोई नया लेन-देन कर पाएंगे। हालांकि, इसके बावजूद RBI ने कहा है कि लगभग 98.69 प्रतिशत जमाकर्ताओं की जमा राशि ₹5 लाख तक पूरी तरह सुरक्षित रहेगी।

यह राशि DICGC यानी Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation द्वारा बीमित होती है। DICGC एक सरकारी संस्था है जो हर बैंक खाते की जमा राशि ₹5 लाख तक बीमा करती है। इसका मतलब है कि यदि आपके खाते में ₹5 लाख या उससे कम जमा राशि है, तो आपको अपनी पूरी जमा राशि वापस मिल जाएगी।

अब सवाल उठता है कि जो ग्राहक ₹5 लाख से ज्यादा जमा राशि रखते हैं, उनका क्या होगा? ₹5 लाख से अधिक राशि के लिए DICGC की गारंटी नहीं होती। ऐसे मामलों में राज्य सरकार द्वारा एक परिसमापक नियुक्त किया जाता है, जो बैंक की संपत्तियों का आकलन और बिक्री करता है।

ग्राहकों को क्या होगा?

सबसे बड़ी चिंता होती है कि ग्राहकों का जमा पैसा क्या होगा? RBI ने यह स्पष्ट किया है कि इस बैंक के लगभग 98.69 प्रतिशत जमाकर्ता ₹5 लाख तक की राशि के लिए डीआईसीजीसी (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत सुरक्षित हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपका खाता ₹5 लाख या उससे कम राशि में है, तो आप अपनी पूरी जमा राशि वापस पा सकते हैं।

डीआईसीजीसी ने अब तक 31 जनवरी, 2025 तक कुल ₹21.24 करोड़ की राशि जमाकर्ताओं को भुगतान भी कर दी है। बाकी भुगतान भी जल्द ही होगा।

परिसमापक प्रक्रिया और आपकी भूमिका

परिसमापक बैंक के कामकाज को नियंत्रित करता है और सुनिश्चित करता है कि बैंक के पास मौजूद संपत्तियों को सही तरीके से नीलाम कर जमाकर्ताओं को पैसा वापस किया जाए। हालांकि, यह प्रक्रिया कुछ महीनों या सालों तक चल सकती है, इस दौरान ग्राहक अपने पैसे वापस पाने के लिए धैर्य रखें।

इसके अलावा, ऐसे समय में ग्राहक अपने अधिकारों और बैंकिंग नियमों के प्रति सजग रहना बहुत जरूरी होता है। सहकारी बैंक, जैसे HCBL, आमतौर पर छोटे स्तर पर काम करते हैं और उनके पास पूंजी सीमित होती है। सहकारी बैंक स्थानीय स्तर पर सदस्यों की सेवा के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इनके पास बड़े वाणिज्यिक बैंकों जैसी पूंजी या संसाधन नहीं होते।

भविष्य के लिए सबक: जागरूकता और सतर्कता जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की भूमिका बैंकिंग क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। RBI न केवल बैंकिंग सिस्टम की निगरानी करता है, बल्कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है। जब किसी बैंक की स्थिति खराब होती है और वह जमाकर्ताओं के हित में काम नहीं कर पाता, तो RBI उसका लाइसेंस रद्द कर देता है। यह कदम एक तरह से जमाकर्ताओं को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए होता है।

अगर आप किसी बैंक में पैसा जमा करने का सोच रहे हैं, तो हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आपकी जमा राशि ₹5 लाख से अधिक न हो, क्योंकि ₹5 लाख तक की राशि DICGC के तहत पूरी तरह सुरक्षित होती है। साथ ही, अपने बैंक के वित्तीय स्वास्थ्य पर नजर रखना भी जरूरी है।

इसके लिए आप RBI की वेबसाइट पर बैंक के वित्तीय आंकड़े और रिपोर्ट देख सकते हैं। इसके अलावा, बैंक के कामकाज में कोई अनियमितता दिखे तो उसे तुरंत RBI या बैंकिंग लोकपाल के समक्ष शिकायत करें।

निष्कर्ष: क्या आपका पैसा सुरक्षित है?

यह बात साफ है कि RBI का यह कदम बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक था। जो ग्राहक ₹5 लाख तक की राशि जमा करते हैं, उनके पैसे सुरक्षित हैं और वे अपने पैसे वापस पाने के लिए DICGC के जरिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन ₹5 लाख से ज्यादा राशि जमा करने वाले ग्राहकों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और बैंक की परिसमापक प्रक्रिया के अंतर्गत अपने पैसे वापस पाने के लिए धैर्य रखना होगा।

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AMRIT LAL

मेरा नाम अमृत लाल है | मेरी उम्र 28 वर्ष है | मै एक न्यूज़ लेखक हू | और News ब्लॉग बेवसाइट पर सन 2020 से काम करता रहता हूँ | साहित्य, संगीत, सिनेमा, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी मेरे पसंदीदा विषय है | साथ ही साथ में देश व विदेश की खबरों को लिखने में रूचि रखता हू | बिजनेस और फाइनेंस की दुनिया में सक्रिय हम निवेश, लोन और स्टार्टअप से जुड़े विषयों पर गहरी समझ रखते हैं। हमारा उद्देश्य है — युवाओं को व्यापार के नए अवसरों और स्मार्ट फाइनेंशियल निर्णयों की ओर मार्गदर्शन देना।

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