Bakri Palan: ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए स्वरोजगार का सबसे सशक्त साधन बनता जा रहा है बकरी पालन व्यवसाय। कम लागत में शुरू होने वाले इस व्यवसाय से अच्छी आमदनी की संभावना होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बकरी पालन लोन योजना 2025 शुरू की है, जिसके अंतर्गत इच्छुक व्यक्ति ₹5 लाख तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं।
Highlight
• बकरी पालन लोन योजना के तहत ₹5 लाख तक का लोन आसान शर्तों पर मिलता है।• पहले से बकरी पालन करने वालों को ₹50 लाख तक का विस्तार लोन भी मिल सकता है।
• इस लोन पर 50% तक सब्सिडी और 7-10% तक कम ब्याज दर लागू है।
• भुगतान अवधि 3 साल से 7 साल तक की रखी गई है।
• योजना भारत के लगभग सभी राज्यों में लागू है, विशेष प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों को दी जाती है।
Bakri Palan Loan क्या है?
यह एक सरकारी लोन योजना है जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, श्रमिकों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत बकरी खरीदने, शेड बनाने, चारा और अन्य जरूरतों के लिए बैंक से लोन दिया जाता है, जिसपर सरकारी सब्सिडी भी मिलती है।
बकरी पालन लोन योजना किन-किन राज्यों में लागू है?
बकरी पालन लोन योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहित की गई है, लेकिन इसे लागू करने का कार्य राज्य सरकारों और संबंधित बैंकों के सहयोग से होता है। इसलिए यह योजना लगभग सभी राज्यों में उपलब्ध है, लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं जहां इसे विशेष प्राथमिकता और अतिरिक्त सब्सिडी के साथ लागू किया गया है। नीचे राज्यवार जानकारी दी जा रही है:
1. उत्तर प्रदेश
यहाँ बकरी पालन को ग्रामीण स्वरोजगार के मुख्य साधन के रूप में माना गया है। नाबार्ड और जिला पशुपालन विभाग की मदद से किसानों को आसानी से लोन और सब्सिडी मिल रही है।
2. बिहार
बिहार सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए बकरी पालन योजना पर विशेष फोकस कर रही है। यहाँ बकरी शेड निर्माण, चारा प्रबंधन, और बकरी खरीद के लिए विशेष वित्तीय सहायता दी जाती है।
3. राजस्थान
राजस्थान के रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में बकरी पालन पारंपरिक व्यवसाय है। यहाँ सरकार 35% से लेकर 50% तक सब्सिडी देती है और SC/ST वर्ग के लिए यह और भी ज्यादा होती है।
4. मध्य प्रदेश
यहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन को आजीविका मिशन के तहत शामिल किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता के साथ लोन दिए जा रहे हैं।
5. झारखंड
यहाँ के जनजातीय इलाकों में बकरी पालन को मजबूत करने के लिए लोन और सब्सिडी दोनों का प्रावधान है। झारखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (JSLPS) इसके तहत कार्य कर रहा है।
6. छत्तीसगढ़
यहाँ गोधन न्याय योजना और बकरी पालन योजना एक साथ जुड़ी हुई हैं। सरकार बकरी पालन को एक सतत और लाभकारी रोजगार के रूप में विकसित कर रही है।
7. ओडिशा
ओडिशा में मिशन शक्ति और अन्य योजनाओं के साथ बकरी पालन को जोड़ा गया है। ग्रामीण महिला समूहों को प्राथमिकता मिलती है।
8. पश्चिम बंगाल
यहाँ राज्य सरकार कृषि और पशुपालन के लिए विशेष लोन योजनाएं चला रही है। बकरी पालन लोन भी इसी के अंतर्गत आता है।
9. हरियाणा और पंजाब
इन राज्यों में कम लागत और तेज रिटर्न वाले व्यवसाय के रूप में बकरी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहाँ डेयरी और पशुपालन विभाग के ज़रिए लोन उपलब्ध है।
10. महाराष्ट्र और गुजरात
इन राज्यों में सहकारी बैंक और नाबार्ड के माध्यम से बकरी पालन लोन आसानी से मिल रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में यह योजना विशेष रूप से कारगर है।
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बकरी पालन लोन योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
पात्रता (Eligibility):
- आवेदक भारत का नागरिक हो और ग्रामीण क्षेत्र से हो।
- उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो।
- कम आयवर्ग में आता हो और कोई स्थायी रोजगार न हो।
- कम से कम 1 एकड़ भूमि या बकरी पालन की जगह उपलब्ध हो।
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट और शपथ पत्र आवश्यक है।
लोन की राशि और ब्याज दर
- लोन राशि: ₹50,000 से ₹5 लाख तक (आरंभिक स्तर पर)
- व्यवसाय बढ़ाने के लिए लोन: ₹50 लाख तक
- ब्याज दर: 7% से 10% सालाना
- सरकारी सब्सिडी: अधिकतम 50%
- भुगतान अवधि: 3 से 7 साल
बकरी पालन से मुनाफा कैसे कमाएं?
यदि आप 50 बकरियों से व्यवसाय शुरू करते हैं तो सालाना ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की कमाई संभव है।
- बकरी का मीट ₹300 से ₹600 प्रति किलो तक बिकता है।
- एक बकरी 4 से 5 किलो तक मीट देती है।
- बकरी का दूध, गोबर और बकरी के बच्चे भी आय के साधन हैं।
लोन की खास बातें:
- यह लोन नए और पहले से चल रहे व्यवसाय दोनों के लिए है।
- कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं लिया जाता।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं।
- स्वीकृति के बाद राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
आवेदन प्रक्रिया:
- सबसे पहले एक अच्छा प्रोजेक्ट प्लान बनाएं।
- निकटतम बैंक या कॉपरेटिव संस्था से संपर्क करें।
- लोन आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और सभी जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें जैसे:
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- भूमि या किराया दस्तावेज
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- बैंक पासबुक
- भरे हुए फॉर्म को बैंक में जमा करें।
Bakri Palan में लागत और मुनाफा
उदाहरण: अगर कोई 50 बकरियों से बकरी पालन शुरू करता है
1. प्रारंभिक लागत (अनुमान):
- 1 बकरी की कीमत (औसत): ₹5,000
- 50 बकरियाँ: ₹5,000 × 50 = ₹2,50,000
- बकरा (1 या 2): ₹10,000
- शेड निर्माण: ₹50,000
- चारा और देखभाल (सालाना): ₹40,000
- वैक्सीनेशन व दवा: ₹10,000
- अन्य खर्च (पानी, श्रमिक, इत्यादि): ₹15,000
कुल खर्च (सालाना): लगभग ₹3.75 लाख
2. आय का अनुमान (सालाना):
मीट से कमाई:
- एक बकरी का वजन: लगभग 30 किलोग्राम
- मीट (कटने पर): लगभग 20 किलोग्राम
- मीट की कीमत (औसत): ₹400 प्रति किलो
- एक बकरी से आय: ₹400 × 20 = ₹8,000
- 50 बकरियों से: ₹8,000 × 50 = ₹4,00,000
बकरी के बच्चे:
- एक बकरी साल में 1–2 बच्चे देती है
- मान लीजिए हर बकरी से साल में 1 बच्चा (कुल 50 बच्चे)
- एक बच्चे की औसत बिक्री कीमत: ₹3,000
- बच्चों से आय: ₹3,000 × 50 = ₹1,50,000
दूध से आय (यदि की जाती है):
- रोजाना 1 लीटर दूध × 20 बकरियाँ = 20 लीटर
- दूध की कीमत: ₹40 प्रति लीटर
- सालाना आय: ₹40 × 20 × 300 दिन = ₹2,40,000
3. कुल आय (मीट + बच्चे + दूध):
- मीट: ₹4,00,000
- बच्चे: ₹1,50,000
- दूध: ₹2,40,000
कुल आय: ₹7,90,000
4. मुनाफा = कुल आय – कुल खर्च
= ₹7,90,000 – ₹3,75,000 = ₹4,15,000 (सालाना)
यदि आप सिर्फ मीट और बच्चों पर ध्यान दें और दूध न बेचें, तब भी सालाना मुनाफा ₹2.75 लाख से अधिक हो सकता है।
बकरी पालन कम लागत और सीमित ज़मीन पर किया जाने वाला एक अत्यंत लाभकारी व्यवसाय है, जिसमें आप 1 साल में ही ₹4 लाख तक कमा सकते हैं — और यह लोन की EMI भरने के बाद भी बचत देता है।
निष्कर्ष
बकरी पालन लोन योजना भारत के लगभग सभी राज्यों में उपलब्ध है, लेकिन कुछ राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इसे विशेष प्राथमिकता दी जाती है। यदि आप किसी भी राज्य से हैं, तो स्थानीय जिला पशुपालन अधिकारी या बैंक शाखा से संपर्क करके इस योजना के बारे में जानकारी और आवेदन प्रक्रिया जान सकते हैं।